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निकोला टेस्ला - चुपचाप-सा व्यक्ति पर विज्ञान में खोजें अनगिनत....

निकोला टेस्ला - चुपचाप-सा व्यक्ति पर विज्ञान में खोजें अनगिनत

एक सर्बियाई अमेरिकी आविष्कारक, भौतिक विज्ञानी, यांत्रिक अभियन्ता, विद्युत अभियन्ता और भविष्यवादी थे। उनका थॉमस एडीसन के आविष्कारों में बहुत बड़ा योगदान रहा है। टेस्ला का जन्म 10 जुलाई 1856 को सर्बियन मातापिता मिलुटिन टेस्ला और ड्युका टेस्ला के परिवार मे आस्ट्रीयन साम्राज्य(वर्तमान क्रोएशिया) मे हुआ था। 1870 मे निकोला टेस्ला ने कार्लोवैक के स्कूल मे प्रवेश लिया और उस स्कूल मे अपने गणित शिक्षक मार्टिन सेकुलिक से प्रभावित हुये थे। टेस्ला उस समय समाकलन(Integral Calculus) के प्रश्नो को अपने मन मे ही हल करने मे सक्षम थे। उनके शिक्षको को उन पर विश्वास नही होता था लेकिन उन्होने अपना चार वर्ष का अभ्यासक्रम तीन वर्षो मे ही पूरा कर लिया। 1875 मे उन्होने आस्ट्रीयन पालीटेक्निक मे प्रवेश लिया, और अपने प्रथम वर्ष मे उन्होने सभी कक्षाओं मे उपस्थित रहे, नौ परिक्षायें उतीर्ण की और सभी मे सर्वोत्तम संभव गुण प्राप्त किये।

1881 मे उन्होने बुडापेस्ट मे एक टेलीग्राफ कंपनी “बुडापेस्ट टेलीफोन एक्स्चेंज” मे मुख्य विद्युत अभियंता के पद पर नौकरी कर ली। इस पद पर उन्होने केंद्रीय संचार उपकरणो मे अनेक सुधार किये और टेलीफोन एम्प्लीफायर को नये रूप से बनाया। लेकिन उन्होने इस पर पेटेंट आवेदन नही किया।

1882 मे उन्होने थामस अल्वा एडीसन की कंपनी कांटीनेंटल एडीसन कंपनी फ्रांस मे नौकरी कर ली और विद्युत उपकरणो मे अभिकल्पन मे सुधार करने लगे। जुन 1884 मे उनका स्थानांतरण न्युयार्क अमरीका कर दिया गया।

उनके बारे में कहा जाता है कि वह व्यक्ति जिसने पृथ्वी को प्रकाश से सजाया। टेस्ला की प्रसिद्धि उनके आधुनिक प्रत्यावर्ती धारा (एसी) विद्युत आपूर्ति प्रणाली के क्षेत्र में दिये गये अभूतपूर्व योगदान के कारण है। टेस्ला के विभिन्न पेटेंट और सैद्धांतिक कार्य, बेतार संचार और रेडियो के विकास का आधार साबित हुये हैं। वैद्युत चुंबकत्व के क्षेत्र में किये गये उनके कई क्रांतिकारी विकास कार्य, माइकल फैराडे के विद्युत प्रौद्योगिकी के सिद्धांतों पर आधारित थे।

टेस्ला की कुछ महत्वपूर्ण खोजें

यह हैं टेस्ला की कुछ खोजें

•AC बिजली.
• टेस्ला वेव्स (Electric waves)
•बिजली से चलने वाली मोटर. (जिस पर बिजली की हर चीज आधारित है.)
•वायरलेस संचार.
• रोबोटिक्स, रिमोट कंट्रोल, राडार.

टेस्ला और एडिसन

टेस्ला की उपलब्धियां एडिसन से कम नहीं थीं। लेकिन इस चुपचाप रहने वाले व्यक्ति में वो चुंबकीय आकर्षण नहीं था जो एडिसन में था। टेस्ला विज्ञान को समझते थे, पर सामाजिक व्यवहार को नहीं इसलिये वो कभी भी उस कीर्ति को प्राप्त नहीं कर पाया जो एडिसन को मिली।

एडिसन से उसकी दुश्मनी पूरे विज्ञान जगत में चर्चा की विषय थी। हालंकि उसने एडीसन के लिये काम भी किया। टेस्ला ने एडिसन के सामने उसकी मोटर और जनरेटर को ज्यादा प्रभावी बनाने का प्रस्ताव रखा था। एडीसन ने टेस्ला को कहा कि यदि वह इस कार्य मे सफल हो गया तो उसे पचास हजार डालर मिलेंगे। टेस्ला ने ऐसा कर दिखाया, लेकिन एडिसन अपने वादे से मुकर गया। एडिसन ने अपने वादे को अमेरिकन हास्य(American Humor) कह कर टेस्ला का मजाक उड़ाया, गुस्से में टेस्ला ने एडिसन का साथ छोड़ दिया।

वो समय था एडिसन के दिष्ट धारा(DC current) का टेस्ला के प्रत्यावर्ती धारा(AC current) से लड़ाई का। एडिसन ने प्रत्यावर्ती धारा का डर पैदा करने के लिये हर संसाधन का इस्तेमाल किया। यहां तक की एक हाथी को जनता के सामने करंट से मारकर प्रत्यावर्ती धारा की नष्टकारी शक्ति से डराया। लेकिन हर घर में बिजली सिर्फ प्रत्यावर्ती धारा से पहुंच सकती थी, और अतंत: टेस्ला की विजय हुयी।

उस समय अमेरिका में एडीसन की आविष्कृत डीसी विद्युत वितरण व्यवस्था लागू थी। डीसी (DC) यानि डायरेक्ट करेंट (Direct Current) ऐसी विद्युत धारा को कहते हैं जो हमेशा एक ही दिशा में बहती है। जैसे की विद्युत सेल से बनने वाली धारा। टेस्ला ने डीसी की कमियों की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया और एसी (AC) विद्युत वितरण व्यवस्था लागू करने की बात कही। एसी यानि अलटरनेटिंग करेंट (Alternative Current) लगातार अपनी दिशा बदलती रहती है। इस धारा की यह विशेषता होती है कि इसका वोल्टेज ट्रांसफोर्मर द्वारा बढ़ाकर काफी दूर तक भेजा जा सकता है। जबकि डीसी में ऐसा संभव नहीं। साथ ही एसी चालित मोटर और दूसरे उपकरणों में डीसी की अपेक्षा कम बिजली खर्च होती है।

चूंकि उस समय तक डीसी सिस्टम काफी बड़े पैमाने पर लागू था और एडीसन कंपनी डीसी उपकरणों को ही बना रही थी अत: एडीसन ने इस नये सिस्टम का विरोध किया। नतीजे में टेस्ला ने उसकी कंपनी को अलविदा कह दिया और उद्योगपति जार्ज वेस्टिंग हाउस के साथ मिलकर नई कंपनी की बुनियाद डाली जिसने एसी करेंट की उपयोगिता को दुनिया के सामने रखा।

टेस्ला ने चक्रीय चुम्बकीय क्षेत्र के सिद्धान्त की खोज की। उसका एक अन्य महत्वपूर्ण आविष्कार एसी विद्युत मोटर (AC Electric Motor) है जिसने डीसी विद्युत सिस्टम को पूरी तरह हाशिये पर ला दिया। उसने नियाग्रा जल प्रपात (Niagara Falls) पर पहला जल विद्युत पावर स्टेशन (First water electric power station) तैयार किया, जिसके बाद न केवल अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया में एसी विद्युत वितरण सिस्टम को स्वीकार कर लिया गया।

1887 मे टेस्ला ने प्रत्यवर्ति धारा (AC Current) से चलने वाली इंड्क्सन मोटर(Induction) बनायी, इस आविष्कार ने टेस्ला के लिये सफलता के रास्ते खोल दिये। इसके पश्चात के वर्षो मे टेस्ला और एडीसन के मध्य प्रसिद्ध दिष्ट धारा(DC current) का टेस्ला के प्रत्यावर्ती धारा(AC current) से युद्ध चला। अंतत: इसमे टेस्ला के प्रत्यावर्ती धारा(AC current) की विजय हुयी क्योंकि यह तरिका लंबी दूरी ताक विद्युत के संवहण के लिये उपयुक्त था।

माना जाता है कि टेस्ला ने 1895-96 मे X किरण की खोज कर ली थी, जोकि रांटजेन के 1996 की खोज से पहले थी, लेकिन उनकी प्रयोगशाला मे लगी आग से सारे उपकरण जल कर राख हो गये थे।

मारकोनी (Marconi) को रेडियो का आविष्कारक माना जाता है। लेकिन यह तथ्य है कि इस आविष्कार में टेस्ला का भी योगदान कम नहीं है। उसी ने यह सिद्धान्त दिया कि वायुमंडल के बाहरी आयनमंडल से होकर रेडियो तरंगें पूरी दुनिया में भेजी जा सकती है। उसने रेडियो में प्रयुक्त होने वाली टेस्ला रॉड का भी आविष्कार किया और उसका रेडियो के असली आविष्कारक को लेकर मारकोनी के साथ काफी लंबा मुकदमा भी चला। उसने वायरलेस पावर सप्लाई (Wireless power supply) का विचार दिया जो बाद में लेसर किरणों (Laser Rays) का आधार बना।

अपने एक प्रेजेंटेशन में उसने लाखों वोल्ट की आकाशीय बिजली बनाकर सबको दंग कर दिया था। एक बार उसने अपने उपकरण टेस्लास्कोप (Teslascope) पर कुछ अज्ञात सिग्नल रिकार्ड किये, जो उसके अनुसार किसी अन्य ग्रह से भेजे जा रहे थे।

1899 तथा 1900 के मध्य कोलोरेडो जलप्रपात मे एक प्रयोग के दौरान उन्होने कृत्रिम विद्युत तड़ित का निर्माण कर चकित कर दिया था।

निकोला टेस्ला ने अपने जीवन काल मे 300 पेटेंट प्राप्त किये। इसके अतिरिक्त टेस्ला के द्वारा किये गये ऐसे कई अविष्कार है जिन्हे उन्होने पेटेंट नही करवाया।

टेस्ला का नीजी जीवन

टेस्ला हर दिन 9:00 सुबह से शाम के 6:00 बजे तक कार्य करते थे और रात मे ठीक 8:10 को रात का भोजन करते थे। उसके पश्चात मे सुबह के 3:00 बजे तक फ़िर से कार्य मे जुट जाते थे। व्यायाम के लिये टेस्ला रोजाना 8-10 मिल पैदल चलते थे। अपने जीवन के अंतिम दिनो मे वे पूर्णत शाकाहारी हो गये थे और भोजन मे दूध , ब्रेड और शहद सब्जीयों का रस लिया करते थे। टेस्ला दावा करते थे कि उन्हे दो घंटो की नींद पर्याप्त है लेकिन वे अपने कार्य के मध्य मे झपकीयाँ भी लिया करते थे।

टेस्ला ने अनेक पुस्तको का अध्ययन किया था और माना जाता है कि उनमे विलक्षण स्मृति थी। वे आठ भाषाओं के जानकार थे जिसमे सर्बो-क्रोएशीयन, चेक, अंग्रेजी, फ़्रेंच, जर्मन, हंगेरीयन, ईटालीयन और लैटीन का समावेश है।

टेस्ला अविवाहित थे और उनका मानना था कि उनका ब्रह्मचर्य उनकी वैज्ञानिक उप्लब्धियों मे सहायक रहा है। उन्होने एक इंटरव्यु मे कहा था कि शादी ना कर के उन्होने विज्ञान के लिये एक कुर्बानी दी है।

टेस्ला का सम्मान

•टाईम मैगजीन ने उनके 75 वे जन्मदिन पर अपने आवरण पर स्थान दिया था। इस अवसर पर उन्हे 70 महान वैज्ञानिको से प्रसंशा पत्र प्राप्त हुये थे जिसमे आइंस्टाइन भी एक थे।

•1956 मे टेस्ला सोसायटी की स्थापना हुयी
•चंद्रमा के पृथ्वी से दूर वाले बाग मे एक 26 किमी व्यास वाले क्रेटर का नाम टेस्ला दिया गया है।
•एक क्षुद्रग्रह का नाम 2244 टेस्ला रखा गया है।
•सर्बीया के सबसे बड़े विद्युतगृह का नाम TPP टेस्ला है।
•स. रा. अमरीका की विद्युत कारों की निर्माण करने वाली कंपनी का नाम टेस्ला मोटर्स है।
•सर्बीया के बेलग्रेड विमानस्थल का नाम टेस्ला है।
•उनके नाम पर टेस्ला पुरस्कार दिया जाता है।
•बेल्ग्रेड मे निकोला टेस्ला संग्रहालय भी है।
•सर्बीया के 100 दिनार के नोट पर टेस्ला का चित्र है।

टेस्ला और कांसपीरेसी थ्योरी

निकोला टेस्ला ने हमारे जीवन वर्तमान आकार देने मे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है, उनके आविष्कारो ने हमारी दूनिया बदल दी है लेकिन उन्हे एक सनकी वैज्ञानिक भी माना जाता है। उन्होने कई विचित्र और अव्यवहारिक अवधारणाओं पर भी काम किया है, जिसमे से एक बेतार ऊर्जा संचार प्रणाली, मृत्य किरण(Death Ray) जैसे हथियार का भी समावेश है। उस युग के अन्य प्रसिद्ध वैज्ञानिको जैसे एडीसन, विलियम क्रुक के समान ही टेस्ला भी असामान्य चिजो जैसे आत्माओं की दूनिया, परग्रही का पृथ्वी पर अस्तित्व पर विश्वास करते थे। उनकी कई सनक भरी आदते थी, उन्हे तीन अंक से विशेष प्रेम था। उन्हे बहुत सी चीजो से डर भी लगता था। अब यह माना जाता है कि वे मनोग्रसित-बाध्यता विकार (Obsessive–compulsive disorder /OCD) से पिड़ीत थे, जो कि उन जैसे एकाकी वैज्ञानिको के लिए सामान्य है।

टेस्ला इतने सफल वैज्ञानिक थे कि उनके कुछ ऐसे आइडीये जोकि सैद्धांतिक/वैज्ञानिक/व्यवहारिक रूप से असंभव होने के बावजूद केवल उनके नाम जुड़े होने से विज्ञान की अच्छी शिक्षा ना पाये व्यक्तियो के आकर्षण का केंद्र होते थे और आज भी है। कुछ मामलो मे ऐसा भी पाया गया है कि छद्म विज्ञानीयों और धोखेबाजो ने टेस्ला के नाम का प्रयोग कर उल्टे-सीधे प्रयोगो और उपकरणो से पैसा कमाने का प्रयास किया है।

टेस्ला कई कांसपिरेसी थ्योरीयों का केंद्र रहे है। इनके अनुसार उनकी मृत्यु संदेहास्पद थी और उनकी मृत्यु के पश्चात अमरीकी सरकार ने उनके उपकरणो और खोजो को अपने कब्जे मे लेकर आम जनता से छुपा कर रखा है। कुछ का तो यह भी मानना है कि उनकी मृत्यु अमरीकी सरकार का दिखावा थी और वे “अपनी कथित मृत्यु” के पश्चात अमरीकी सरकार के लिये कई वर्षो तक कार्य करते रहे। फिलाडेल्फीया एक्सपेरीमेंट के नाम से कुख्यात कांसपिरेसी थ्योरी जिसमे टेलीपोर्टेशन या समययात्रा के प्रयोग का दावा किया जाता है, इस थ्योरी के समर्थको का मानना है कि इसके पीछे टेस्ला का दिमाग और उपकरण थे।

यह भी माना जाता है कि टेस्ला को उनके कार्यो और प्रयोगो का श्रेय नही मीला और उनके प्रयोगो को सरकार ने दबा कर रखा है। यह सत्य है कि एडीसन के मन मे टेस्ला के लिये दुर्भावना थी और पेटेंट विभाग ने रेडीयो के अविष्कार का पेटेंट उनकी बजाय मार्कोनी को दिया था। लेकिन यह यहीं तक सिमित है विज्ञान जगत ने टेस्ला को पर्याप्त सम्मान दिया है, चुंबकीय प्रभाव की ईकाई टेस्ला उन्ही के सम्मान मे है।

टेस्ला के जीवन के अतींम वर्ष

बाद के दिनों में टेस्ला के कुछ प्रयोग असफल रहे, जिससे वह अवसाद ग्रसित हो गया। उसने बाहर के लोगों से मिलना कम कर दिया। 7 जनवरी 1943 का टेस्ला की 86 वर्ष की उम्र देहांत हो गया।

निकोला टेस्ला के कार्यों को देखते हुए पूरा अमेरिका 10 जुलाई को निकोला टेस्ला दिवस (Nicola Tesla Day) मनाता है। भौतिकी में चुम्बकीय क्षेत्र की इकाई को उसके नाम पर टेस्ला रखा गया है।

 


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