About us

MPJOBS.in is an online Job Portal working exclusively for Madhya Pradesh. We provide job services in almost every field. We have a very large network of resume collection center which covers almost every city of Madhya Pradesh. We have thousands of satisfied companies and candidates. Our main aim is to improve employment in Madhya Pradesh. We are fastest growing Job site of Central India.

गुड फ्राइडे : प्रभु यीशु का बलिदान दिवस ....

गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के अनुयायी गिरजाघर जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। गुड फ्राइडे को ईसा मसीह ने धरती पर बढ़ रहे पाप के लिए बलिदान देकर निःस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया। इस दिन ईसा मसीह ने उत्पीड़न और यातनाएं सहते हुए मानवता के लिए अपने प्राण त्याग दिए।

ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया व मसीह ने प्राण त्यागे थे उस दिन शुक्रवार का दिन था और इसी की याद में गुड फ्राइडे मनाया जाता है। अपनी मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह पुन: जीवित हो उठे और उस दिन रविवार था। इस दिन को ईस्टर सण्डे कहते हैं। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है।

ईसाई लोगों के लिए गुड फ्राइडे का विशेष महत्व रखता है। इस दिन ईसा ने सलीब पर अपने प्राण त्यागे थे। यद्यपि वे निर्दोष थे तथापि उन्हें दंडस्वरूप सलीब पर लटका दिया गया। उन्होंने सजा देने वालों पर दोषारोपण नहीं किया बल्कि यह की कि ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।  

यीशु युवा हुए तो घूम-घूमकर लोगों को मानवता और शांति का संदेश देने लगे। उन्होंने धर्म के नाम पर अंधविश्वास फैलाने वाले लोगों को मानव जाति का शत्रु बताया। उनके संदेशों से परेशान होकर धर्मपंडितों ने उन्हें धर्म की अवमानना का आरोप लगाकर उन्हें मृत्यु-दंड दे दिया। दो हजार वर्ष पूर्व ईसा मसीह को इसलिए मृत्युदंड दिया गया क्योंकि ईसा मसीह अन्याय और घोर विलासिता तथा अज्ञानता का अंधकार दूर करने के लिए लोगों को शिक्षा दे रहे थे।

उस समय यहूदियों के कट्टरपन्थी रब्बियों (धर्मगुरुओं) ने ईसा का भारी विरोध किया। उन्हें ईसा में मसीहा जैसा कुछ विशेष नहीं लगा। उन्हें अपने कर्मकाण्डों से प्रेम था। स्वयं को ईश्वरपुत्र बताना उनके लिये भारी पाप था। इसलिए उन्होंने उस समय के रोमन गवर्नर पिलातुस को इसकी शिकायत कर। रोमनों को हमेशा यहूदी क्रान्ति का डर रहता था, इसलिए कट्टरपन्थियों को प्रसन्न करने के लिये पिलातुस ने ईसा को क्रूस (सलीब) पर मृत्युदण्ड क्रूर दंड दिया।

यीशु को कई तरह की यातनाएं दी गईं। यीशु के सिर पर कांटों का ताज रखा गया। इसके बाद यीशु क्रूस(सलीब) को अपने कंधे पर उठाकर गोल गोथा नामक जगह ले गए। जहां उन्हें सलीब पर चढ़ा दिया गया। जिस दिन यीशु को सूली पर चढ़ाया गया, वह शुक्रवार का दिन था। यीशु ने ऊंची आवाज में परमेश्वर को पुकारा- 'हे पिता मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों सौंपता हूं।' ऐसे शब्दों कहने के पश्चात् उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। 


ईसा परिवर्तन के पक्षधर थे। उन्होंने मानव प्रेम की सीमा नहीं बांधी वरन अपने बलिदान से उसे आत्मकेंद्रित एवं स्वार्थ से परे बताया।

ईसा मसीह के जन्म क्रिसमस का आनंद मनाने के कुछ ही दिन बाद ईसाई तपस्या, प्रायश्चित्त और उपवास का समय मनाते हैं. यह समय जो 'ऐश वेडनस्डे' से शुरू होकर 'गुड फ्राइडे' को खत्म होता है, 'लेंट' कहलाता है. जिस सलीब क्रॉस पर ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था उसके प्रतीक रूप में आस्थावानों की श्रद्धा स्वरूप लकड़ी का एक तख्ता गिरजाघरों में रखा जाता है. ईसा के अनुयायी एक-एक कर आकर उसे चूमते हैं.

तत्पश्चात समारोह में प्रवचन, ध्यान और प्रार्थनाएँ की जाती हैं. इस दौरान श्रद्धालु प्रभु यीशु द्वारा तीन घंटे तक क्रॉस पर भोगी गई पीड़ा को याद करते हैं. रात के समय कहीं-कहीं काले वस्त्र पहनकर श्रद्धालु यीशु की छवि लेकर मातम मनाते हुए एक चल समारोह निकालते हैं और प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार भी किया जाता है. चूँकि गुड फ्राइडे प्रायश्चित्त और प्रार्थना का दिन है अतः इस दिन गिरजाघरों में घंटियां नहीं बजाई जातीं.

गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं. यह त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों द्वारा कैलवरी में ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाने के कारण हुई मृत्यु के उपलक्ष्य में मनाया है. यह त्यौहार पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है, जो ईस्टर सन्डे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को आता है और इसका पालन पाश्कल ट्रीडम के अंश के तौर पर किया जाता है और यह अक्सर यहूदियों के पासोवर के साथ पड़ता है.

ईसा के पुनरुत्थान के तीन दिन पूर्व पड़ने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन भक्तगण उपवास के साथ प्रार्थना और मनन करते हैं. चर्च एवं घरों से सजावट की वस्तुएं हटा ली जाती हैं या उन्हें कपडे़ से ढक दिया जाता है. गुड फ्राइडे की तैयारी प्रार्थना और उपवास के रूप में चालीस दिन पहले ही प्रारम्भ हो जाती है. इस दौरान शाकाहारी और सात्विक भोजन पर जोर दिया जाता है. गुड फ्राइडे के दिन ईसा के अन्तिम सात वाक्यों की विशेष व्याख्या की जाती है जो क्षमा, मेल-मिलाप, सहायता और त्याग पर केन्द्रित हैं.

बाइबिल में उल्लेख है कि एक विद्वान ने ईसा से पूछा, गुरुवर, अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए मुझे क्या करना होगा? ईसा ने उससे कहा, ईश्वर को अपने हृदय, आत्मा और सारी शक्ति से प्यार करो और अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो. तब उस व्यक्ति ने एक और प्रश्न किया, लेकिन मेरा पड़ोसी कौन है? ईसा ने कहा, किसी भी समय वह जरूरतमंद और लाचार व्यक्ति जो तुम्हारे सामने है, वही तुम्हारा पड़ोसी है.

कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे

गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के अनुयायी गिरजाघर जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं।  श्रद्धालु प्रभु यीशु द्वारा तीन घंटे तक क्रॉस पर भोगी गई पीड़ा को याद करते हैं। रात के समय कहीं-कहीं काले वस्त्र पहनकर श्रद्धालु यीशु की छवि लेकर मातम मनाते हुए पद-यात्रा निकालते हैं।

गुड फ्राइडे प्रायश्चित्त और प्रार्थना का दिन है अतः इस दिन गिरजाघरों में घंटियां नहीं बजाई जातीं बल्कि उसके स्थान पर लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है। लोग ईसा मसीह के प्रतीक क्रॉस का चुंबन कर भगवान को याद करते हैं। गुड फ्राइडे पर विश्व भर के ईसाई चर्च में सामाजिक कार्यो को बढ़ावा देने के लिए चंंदा व दान देते हैं।

रोमन कैथोलिक चर्च गुड फ्राइडे को उपवास दिवस के तौर पर मानता है, जबकि चर्च के लैटिन संस्कारों के अनुसार एक बार पूरा भोजन हालांकि वह नियमित भोजन से कम होता है और अक्सर उसमें मांस के बदले मछली खायी जाती है और दो कलेवा यानी अल्पाहार लिया जाता है.

रोमन रीति के अनुसार सामान्यतः पवित्र बृहस्पतिवार की शाम को प्रभु के भोज के उपरांत कोई मास उत्सव नहीं होता जब तक कि ईस्टर निगरानी की अवधि बीत न जाये. प्रभु ईसा मसीह के स्मरण में भोज का कोई उत्सव नहीं होता और वह केवल पस्सिओं ऑफ़ द लोर्ड के सर्विस के दौरान भक्तों में वितरित किया जाता है.

पूजा वेदी पूरी तरह से खाली रहती है और क्रॉस, मोमबत्ती अथवा वस्त्र कुछ भी वहां नहीं रहता. प्रथा के अनुसार ईस्टर निगरानी अवधि में जल का आशीर्वाद पाने के लिए पवित्र जल संस्कार के पात्र खाली किये जाते हैं. ईस्टर निगरानी की अवधि के दौरान गुड फ्राइडे अथवा पवित्र शनिवार को घंटियाँ नहीं बजाने की परम्परा है.

पैशन ऑफ़ द लॉर्ड के उत्सव का आदर्श समय अपराह्न तीन बजे है. इस समय पादरी के पहनावे का रंग लाल होता है. उन्नीस सौ सत्तर से पहले पहनावे का रंग काला होता था, केवल कम्यूनियन वाला हिस्सा बैगनी रंग का होता था. उन्नीस सौ पचपन से पहले पूरा पहनावा ही काला होने का विधान था. अगर कोई बिशप यह अनुष्ठान संपन्न करता है, वह एक सादा मुकुट पहनता है. प्रार्थना के तीन भाग होते हैं- बाइबल और धर्म ग्रंथों का पाठ, क्रॉस की पूजा और प्रभु भोज में सहभागिता.

बाइबल पाठ के पहले भाग में प्रभु यीशू के प्रति प्रेम और गुणगान की आवृत्ति या गायन होता है जो अक्सर एक से अधिक पाठकों या गायकों द्वारा किया जाता है. इस प्रथम चरण में प्रार्थना की एक श्रृंखला होती है जो चर्च, पोप, पादरी और चर्च में आने वाले गृहस्थों, प्रभु यीशु मसीह में विश्वास नहीं करने वालों, भगवान पर विश्वास नहीं करने वालों, सार्वजनिक कार्यालयों में काम करने वालों और विशेष तौर पर जरूरतमंद लोगों के लिए की जाती है.

गुड फ्राइडे के त्यौहार के दूसरे चरण में क्रॉस की पूजा की जाती है. एक क्रूसीफिक्स जिसमें एक खास पारम्परिक ढंग से यीशु के लिए गीत गाये जाते हैं. हालांकि यह जरूरी नहीं है फिर भी यह धार्मिक समागम आम तौर पर वेदी के पास होता है, जिसमें सत्य और निष्ठा के साथ सम्मान व्यक्त किया जाता है और खास तौर पर व्यक्तिगत रूप से जब प्रभु यीशू के प्रति प्रेम भाव के गीत गाये जा रहे हों.

इसका तीसरा भाग होता है पवित्र प्रभु भोज का, जो इस त्यौहार की अंतिम कड़ी है. यह शुरू होती है आवर फादर के साथ लेकिन "रोटी तोड़ने की रस्म" और इससे संबंधित मंत्र का उच्चारण नहीं किया जाता. पवित्र गुरुवार की प्रार्थना सभा में अभिमंत्रित प्रभु प्रसाद को भक्तों में वितरित किया जाता है.

कुछ सूत्रों का मानना है कि दिन "अच्छा" है क्योंकि यह पवित्र है या यह "भगवान का शुक्रवार" वाक्यांश का बिगड़ा रूप है.

हालांकि ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में वरिष्ठ संपादक फियोना मैक फेरसन के अनुसार यह विशेषण पारंपरिक रूप से एक दिन (या कभी-कभी एक सीजन) के लिए इस्तेमाल होत है जिस दिन "धार्मिक रीति आयोजित किया जाता है. "

शब्द का मूल

ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी कहती है कि "अच्छा" इस संदर्भ में " एक दिन या सीजन के रूप में उल्लिखित है जो चर्च के द्वारा पवित्र माना जाता है, इसलिए क्रिसमस या पैनकेक दिवस पर अभिवादन अच्छा समय कह कर किया जाता है.

पैनकेक दिवस पवित्र दावत से संबंधित है जो ईस्टर से पहले होता है. यह आम तौर पर फरवरी और मार्च के महीने में होता है.

गुड फ्राइडे के अलावा अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध गुड वेडनसडे ईस्टर के पहले मनाया जाता है.

गुड फ्राइडे को पहले 1290 ईसवी के डिक्शनरी के मुताबिक़ " गौउड फ्राइडे " के नाम से जाना जाता था.

अमरीकी कैथोलिक स्कूल के 1885 से 1960 के मानक पाठ- बाल्टीमोर जिरह के अनुसार, गुड फ्राइडे अच्छा है क्योंकि मसीह ने "आदमी के लिए अपना महान प्यार दिखाया है, और उसके लिए हर आशीर्वाद पाया है."

1907 में प्रकाशित पहला कैथोलिक विश्वकोश कहता है कि इस शब्द का मूल स्पष्ट नहीं हैं. यह कहता है कुछ स्रोत इसका मूल " भगवान का शुक्रवार " या " गौटेस फ़्रेटैग " में देखते हैं. जबकि कुछ इसका मूल जर्मन के ग्युट फ़्रेटैग में देखते हैं.

आधुनिक डेनिश और एंग्लो सक्सोंस के द्वारा इसे लंबे शुक्रवार के रूप में उद्धृत किया गया है. यह भी कहा जाता है कि इस दिन को ग्रीक साहित्य में "पवित्र और महान फ्राइडे" रोमांस भाषा में "पवित्र शुक्रवार" और जर्मन भाषा में दुखी शुक्रवार के रूप में जाना जाता है


Follow us on : Facebook Linkedin Follow MPJOBS.in on Twiiter
Jobs and Education Newspaper
Weekly Newspaper
Epaper